Yuvak Aur Yon

Yuvak Aur Yon

Paperback (01 Jan 2020) | Hindi

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Publisher's Synopsis

जो पुराना है वह जाएगा। जो मृत है वह गिरेगा, क्योंकि धर्मयुद्ध छेड़ दिया है ओशो ने। और यह धर्मयुद्ध धर्म की जीत तक, धर्म की स्थापना तक चलने वाला है। यह युद्ध कोई दो देशों के बीच का युद्ध नहीं है कि इसमें कोई समझौता हो जाए। यह तो अंत तक चलने वाला है और अंततः धर्म जीतेगा, सत्य जीतेगा, यह संन्यासी योद्धा जीतेगा। यह तय है। इस धर्मयुद्ध को छिड़े करीब बीस वर्ष बीत गए हैं, इस तरह हिसाब लगाते हैं तो कभी-कभी दुशिंचता होती है कि अबतक तो लगभग आधी मनुष्यता को खबर लग जानी चाहिए थी कि यह संन्यासी योद्धा हमारा शत्रु नहीं बल्कि परम मित्र है। यह हमारी बेड़ियां काटने वाला मुक्तिदाता है। इस खबर के न लगने से बड़ा अहित हुआ है। मनुष्य जाति के इस अहित के लिए जिम्मेदार हैं वे लोग जो संचार माध्यमों पर कुंडली मारे बैठे हैं।
आशकरण अटल
(हास्य-व्यंग्य के सुप्रसिद्ध कवि)

Book information

ISBN: 9788171824571
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 138
Weight: 138g
Height: 178mm
Width: 127mm
Spine width: 8mm