Tumhari Jay

Tumhari Jay

Hardback (01 Jan 2019) | Hindi

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Publisher's Synopsis

सृष्टिकर्ता की तरह साहित्यकार भी अपने अपने ढंग से अपने देश, उसकी संस्कृति, परंपरा और इतिहास को व्याख्यायित करता है, नई स्थापनाएँ देता है। जैसे गंगा में कई नदियों का पानी, अनेक पर्वतों की मिट्टी और औषधीय तत्त्व मिलकर उसे उर्वरता प्रदान करते हैं, उसी प्रकार साहित्य को भी अनेक विधाएँ समृद्ध करती हैं। आशुतोष शुक्ल प्रयोगधर्मी लेखक हैं, जिन्होंने एक नई 'संभाषी' विधा से साहित्य को समृद्ध किया है। उनके शब्द लगातार पाठकों से बतियाते रहते हैं। सहजै सहज समाना की तरह वह अपनी शैली में सिद्धहस्त हैं। कम शब्दों में कही गई उनकी बात पानी की बूँद की तरह फैलती जाती है और फैलकर पूरी नदी बन जाती है। छोटे-छोटे वाक्यों में गुरुत्वाकर्षण सा बल है। उनकी संभाषी विधा साहित्य में नया गवाक्ष खोलती है जहाँ से 'तुम्हारी जय' का आख्यान साफ-साफ देखा जा सकता है। 'तुम्हारी जय' उन छोटी-छोटी बातों की बात करती है जो सदियों से भारतवासियों को गढ़ रही हैं। 'तुम्हारी जय' अनुपम और संग्रहणीय कृति है और भारत के इतिहास और समाज को देखने का नया दर्पण भी।

Book information

ISBN: 9789353221935
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Prabhat Prakashan
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 178
Weight: 363g
Height: 216mm
Width: 140mm
Spine width: 14mm