Publisher's Synopsis
मितुआ ने पूछा- बाबा, अब हम रहेंगे कहाँ? सूरवास-दूसरा घर बनाएँगे। मिठुआ और कोई फिर आग लगा दे? सूरवास तो फिर बनाएँगे। मिठुआ और फिर लगा थे? सूरदासः तो हम भी फिर बनाएँगे। मिठुआ और कोई हज़ार बार लगा वे? सूरदास तो हम हज़ार बार बनाएँगे। बालकों को संख्याओं से विशेष रुचि होती है। मिठुआ ने फिर पूछा और जो कोई सौ लाख बार लगा दे? सूरदास ने उसी बालोचित सरलता से उत्तर दिया तो हम भी सी लाख बार बनाएँगे। इसी पुस्तक से