Pravasi Bharatiya

Pravasi Bharatiya Vividh Ayam प्रवासी भारतीयःविविध आयाम

Paperback (27 Mar 2020) | Hindi

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Publisher's Synopsis

प्रवासी भारतवंशियों की समस्या का प्रश्न 19वीं सदी से ही एक विचारणीय मुद्दा रहा है और 20वीं सदी के आरंभ में राष्ट्रीय आंदोलन के समानांतर ही यह बहस का एक ज्वलंत विषय बन गया था। अंग्रेजों द्वारा जिस प्रकार भारत के लोगों को उपनिवेशों में ले जाकर बेचा जा रहा था और उन पर वहां पशुवत् अत्याचार किया जा रहा था, इसके विरुद्ध भारत में भी आवाज़ें उठने लगी और उसी के परिणामस्वरुप इस प्रथा की समाप्ति भी हुई। इस अमानवीय प्रथा के विरुद्ध प्रवासी भारवंशियों ने जिस प्रकार संघर्ष किया और अंत में अपने अधिकारों की रक्षा कर सके, इस पर प्रकाश डालने का प्रयास इस ग्रंथ में किया गया है। अपनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति की रक्षा करते हुए प्रवासी भारतवासी जिस प्रकार से उपनिवेशों की एवं स्वयं अपनी उन्नति कर सके और उपनिवेशों की आजादी के बाद राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में प्रतिमान स्थापित किये और आज भी कर रहे हैं, उन्हीं के विविध पक्षों का निदर्शन इस ग्रंथ में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।

Book information

ISBN: 9781897416273
Publisher: PC Plus Ltd.
Imprint: PC Plus Ltd.
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 182
Weight: 322g
Height: 235mm
Width: 191mm
Spine width: 10mm