Maine Gandhi Ko Kyon Mara? (Hindi Translation of Why I Killed Gandhi?)

Maine Gandhi Ko Kyon Mara? (Hindi Translation of Why I Killed Gandhi?)

Paperback (22 Aug 2023) | Hindi

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Publisher's Synopsis

व्यक्तिगत स्तर पर मेरे और गांधीजी के बीच कोई शत्रुता नहीं थी। वे लोग, जो पाकिस्तान-निर्माण में गांधीजी का अच्छा मकसद होने की बात कहते हैं, मुझे उनसे केवल इतना कहना है कि मैंने गांधी के विरुद्ध, जो इतना बड़ा कदम उठाया, उसमें मेरे हृदय में राष्ट्रहित का शुद्ध हेतु था।वे ऐसे व्यक्ति थे, जो बहुत सी भयावह घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे, जिनकी परिणति पाकिस्तान निर्मिति में हुई। गांधीजी के विरुद्ध की गई अपनी काररवाई के बाद मैं भविष्य में आने वाले अपने परिणाम को देख सकता था, उन परिणामों की उम्मीद कर सकता था और मुझे एहसास था कि जिस क्षण लोगों को गांधी को मेरे द्वारा गोली मारने की घटना का पता चलेगा, उन सभी का मेरे प्रति दृष्टिकोण बदल जाएगा, फिर चाहे परिस्थितियाँ कोई भी हों।समाज में लोगों का मेरे प्रति जो सम्मान, रुतबा और सहानुभूति है, वह समाह्रश्वत हो जाएगी, नष्ट हो जाएगी और बचा हुआ मान भी कुचल दिया जाएगा। मुझे पूरा एहसास था कि समाज में मुझे सबसे नीच और घृणित व्यक्ति के रूप में देखा जाएगा। -इसी पुस्तक सेअपने समय के सबसे बड़े नेता गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए विशेष न्यायालय में बहुत विस्तृत बयान दिया, जिसमें उन्होंने क्रमवार वे कारण बताए, जिन्होंने उन्हें इतनी बड़ी घटना की परिणति करने के लिए बाध्य किया।ये कारण तत्कालीन सामाजिक-सांस्कृतिक- राजनीतिक परिस्थितियों को भी दर्शाते हैं कि कैसे एक अल्पसंख्यक वर्ग विशेष के दबाव में निर्णय लिये जा रहे थे, जो अंतत बहुसंख्यकों के उत्पीडऩ और अस्तित्व का कारण बन जाते। इन्हीं से क्षुब्ध होकर नाथूराम गोडसे ने विश्व के सबसे चर्चित कांड को अंजाम दिया। प्रस्तुत पुस्तक गांधी-हत्याकांड में नाथूराम गोडसे का पक्ष प्रबलता से रखती है।

Book information

ISBN: 9789355219244
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Prabhat Prakashan Pvt Ltd
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 184
Weight: 240g
Height: 216mm
Width: 140mm
Spine width: 11mm