Publisher's Synopsis
*****चीटियाँ शोर नहीं करती***** विजय विशाल हिन्दी साहित्य जगत की वर्तमान पीढ़ी के एक बहु-प्रकाशित एवं बहु-चर्चित नाम हैं। "चीटियाँ शोर नहीं करती" उनका पहला काव्य-रचना है। विजय विशाल की कवितायें अपनी अंतर्निहित भाव-व्यंजना, अनूठी काव्य शैली, विडंबनात्मक यथार्थपूर्ण कथ्य, नवीन विम्ब एवं सहज बोधगम्यता के कारण युवा पाठकों में अत्यंत लोकप्रिय है। विजय विशाल झूठ को झूठ कहने वाले साहसी कवि हैं। इनकी कविताओं में वर्तमान समय की अनुगूँज सत्य के धरातल पर उभरती है एवं असत्य के विरुद्ध डटकर खड़ी होती है। इस संकलन की कविताओं में कविताओं के विविध रंग पाठकों को पढ़ने को मिलेंगे। इसमें मुखर स्वर जहां जनपक्षधरता है वहीं प्रेम भी अपने अनूठे अंदाज में प्रस्फुटित होता है। संकलन की कविताओं का जनसरोकार एवं कहन की भाव भंगिमा की तरलता पाठकों को अपने साथ बहा ले जाती हैं एवं अनायास ही वे हिन्दी कविता के प्रति प्रेम में आबद्ध हो जाते हैं।