Bhopal Sehar... Bus Subah Tak

Bhopal Sehar... Bus Subah Tak

Paperback (05 Dec 2016) | Hindi

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Publisher's Synopsis

भोपाल सहर.. बस सुबह तक सुधीर आज़ाद एक हादसे की ज़मीन पर मार्मिक प्रेम कहानी. सुधीर आज़ाद के उपन्यास भोपाल सहर... बस सुबह तक ने अंतस को स्पर्श किया है. वाक़ई बेहतरीन उपन्यास है. छोटे कलेवर में इतने बड़े किस्से को जितनी ख़ूबसूरती से कहा गया है, वः बहुत असरदार और याद रखने वाला है. बहुत शुभकामनाएँ, लिखते रहिए. - वीरेंद्र सहवाग भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी एक निम्न-मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार को लेकर 1984 के मंज़र और हालातों के साए में पनपती एक मुहब्बत को लेखक ने इस उपन्यास का किस्सा बनाया है. कैसे एक ख़ामोश इश्क़ किसी खला में खो जाता है कि सुबह को वस्ल का एक देकर दहलीज़ के इस तरफ़ तन्हा छोड़ जाता है. यह किताब इसी शक्ल के एतबार की ज़मानत देती है. इस का नाम 'सहर' है. भोपाल गैस त्रासदी लेखक की संवेदनाओं में कहीं गहरी उतरती हुई अनुभूत होती है और लेखक ने हर मुमकिन तरीक़े से इस पर काम किया है. आज़ाद जल्दी ही त्रासदी पर अपनी प्रामाणिक डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'TANK No 610 - Extended वर्शन' भी ला रहे हैं.

Book information

ISBN: 9788183227742
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Manjul Publishing House Pvt Ltd
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 152
Weight: 154g
Height: 198mm
Width: 129mm
Spine width: 9mm