Achanak

Achanak

Paperback (01 Jan 2016) | Hindi

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Publisher's Synopsis

साहित्य में 'मंजरनामा' एक मुक्कमिल फार्म है यह एक ऐसी विधा है जिसे पाठक बिना किसी रूकावट के रचना का मूल आस्वाद लेते हुए पढ़ सकें लेकिन मंजरनामा का अंदाजे-बयाँ अमूमन मूल राचन से अलग हो जाता है या यूँ कहें कि वह मूल रचना का इंटरप्रेटेशन हो जाता है मंजरनामा पेश करने का एक उद्देश्य तो यह है कि पाठक इस फार्म से रू-ब-रू हो सकें और दूसरा यह कि टी.वी. और सिनेमा में दिलचस्पी रखनेवाले लोग यह देख-जान सकें कि किसी कृति को किस तरह मंजरनामे की शक्ल दी जाती है टी.वी. की आमद से मंजरनामों की जरूरत में बहुत इजाफा हो गया है गुलजार की लोकप्रिय फिल्म 'अचानक' उनकी सभी फिल्मों की तरह संवेदनशील और सधी हुई फिल्म है जिसको अपने वक्त में बहुत सराहा गया था दाम्पत्य-प्रेम, पति-पत्नी के बीच भरोसे और शक, भटकाव, प्रतिहिंसा और पश्चाताप की महीन नक्काशी इस फिल्म की विशेषता है इस पुस्तक में उसी फिल्म का मंजरनामा पेश किया गया है पाठकों को दर्शक में तब्दील कर देनेवाली एक प्रभावशाली प्रस्तुति

Book information

ISBN: 9788183618106
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Radha Krishna Prakasan Pvt Ltd
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 74
Weight: 104g
Height: 216mm
Width: 140mm
Spine width: 5mm