Publisher's Synopsis
यह पुस्तक ऐसे छात्र के जीवन का निचोड़ है, जो बचपन में बेहद शरारती था और किसी भी चीज के प्रति गंभीर नहीं था। उसका एकमात्र काम दोस्तों के साथ खेलना-कूदना, भाग-दौड़ और बेवजह टाइम पास करना था; पढ़ाई से उसका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। शुरुआती कक्षाओं में जैसे-तैसे बस पास होता गया। दसवीं में थर्ड डिविजन से पास हो पाया, पर ग्यारहवीं में फेल हुआ तथा बारहवीं सेकेंड डिविजन से पास की। फिर स्नातक के पहले सेमेस्टर के बाद से उसके साथ कुछ ऐसी घटनाएँ हुईं, जिससे वह क्लास में मेधावी छात्रों में स्थान बनाने लगा। जो शिक्षक अभी तक उसे कमजोर और सामान्य छात्र मान रहे थे, अब वे ही शिक्षक उसके प्रति अपना रवैया बदल चुके थे। सभी उसे बेहद गंभीरता से लेने लगे थे। वह सभी शिक्षकों की दृष्टि में बेहतरीन छात्र साबित होने लगा और आगे चलकर अपने विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट बनकर निकला। फिर कई प्रतियोगी परीक्षाएँ भी पास कीं। अतः यह पुस्तक उन विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो यह नहीं जानते कि विद्यार्थी जीवन को कैसे सफल बनाया जाए? जब एक ऐसा छात्र, जिसका विद्यार्थी जीवन में शुरुआती कई वर्षों तक पढ़ाई से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था, यदि वह छात्र गोल्ड मेडलिस्ट बन सकता है तो फिर आप क्यों नहीं? छात्र-जीवन में सफलता प्राप्त करने के व्यावहारिक और कारगर टिप्स बतानेवाली अत्यंत पठनीय प्रेरक पुस्तक।