Katha-Gorakhpur Khand-1 (कथा-गोरखपुर खंड-1)

Katha-Gorakhpur Khand-1 (कथा-गोरखपुर खंड-1)

Paperback (09 Jan 2023) | Hindi

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Publisher's Synopsis

जाग मछंदर गोरख आया! कह कर अपने गुरु को ही जगाने वाले महाकवि गुरु गोरखनाथ ने लिखा है न
मरो वै जोगी मरौ, मरण है मीठा ।
मरणी मरौ जिस मरणी, गोरख मरि दीठा
यहां गोरख, अहंकार को मारने की बात करते हैं। तो गुरु गोरखनाथ की धरती की गमक में गमकती कथा - गोरखपुर की यह कहानियां दिल की घाटियों में संतूर की तरह बजती हैं। कथा - गोरखपुर की खास खासियत यह है कि कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर हैं। इन कथाओं में गोरखपुर की माटी ऐसे बोलती है जैसे मां बोलती है। एक से एक नायाब कहानियां हैं इस कथा - गोरखपुर में । गोरखपुर की माटी की महक इन कथाओं में महकती, गमकती और इतराती हुई इठलाती मिलती है।

Book information

ISBN: 9789355995773
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Diamond Books
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 152
Weight: 200g
Height: 216mm
Width: 140mm
Spine width: 9mm