Publisher's Synopsis
इस उपन्यास की कहानी का बीज एक हवाई यात्रा के दौरान पड़ा। इकोनॉमी सेक्शन में सीटों की तंगी के कारण मुझे अपने सह-यात्री युवा दंपति की बातचीत को मजबूरन सुनना पड़ा, पत्नी के पहनावे से ऐसा लग रहा था कि हाल ही में उनकी शादी हुई है। बातचीत से पता लगा कि वे भारत से पलायन कर अमेरिका बसने जा रहे थे, पति-पत्नी से कह रहा था कि वह अपनी माँ को पीछे छोड़ आने का दोषी महसूस कर रहा है। आधे घंटे के भीतर ही पत्नी ने पति को आश्वस्त करते हुए इस बात के लिए राजी कर लिया कि उन्हें मां के लिए एक साथी ढूँढना चाहिए यानी माँ की शादी कर देनी चाहिए। पति ने भी न सिर्फ हामी भरी बल्कि मैरिज पोर्टल पर एक प्रोफाइल भी तैयार करने की बात करने लगे, हालांकि पति को शंका थी की माँ इस बात के लिए तैयार होगी या नहीं, हम अपने गंतव्य पर पहुँच गए थे अत नहीं पता उनका क्या हुआ?
कहानी पहली नजर में कई भावनात्मक रंगों और विचित्र दिखने वाली स्थितियों से भरे पेंडोरा बॉक्स की तरह सामने आती है। इस कहानी के पात्र मुझे अपने आसपास भी मिले जिन पर पहले कभी ध्यान नहीं गया था।