भजनामृत -एक आत्मरस

भजनामृत -एक आत्मरस रामाश्रम (Bhajnamrut Ek Aatmaras: Ramashram)

Paperback (18 Aug 2022) | Hindi

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Publisher's Synopsis

About the Book:

जिस प्रकार मनुष्य अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन को ग्रहण करता है, उसी प्रकार आत्म कल्याण चाहने वाले मनुष्य को भजन की आवश्यकता पड़ती है। "भजनामृत एकआत्मरस" उस अमृत के समान है जिसमें भगवत प्रेमी जन डुबकी लगाकर अपना इहलोक तथा परलोक दोनों सफल बना कर उस परमपिता परमेश्वर से, जगत जननी वात्सल्य रूपी मां के दर्शन का भागी बन जाता है और उस मोक्ष के मार्ग को अति शीघ्र प्राप्त कर जाता है।

स्तुति, प्रभु के गुणानुवाद गाना, सुंदर तथा मधुर वाणी से भजन उनकी पूजा का अहम हिस्सा है। भजन में वाणी मन के साथ होती है, जब मन प्रेम में विभोर होता है तो वाणी भी प्रेममय होकर एक भाव में निकलती है, उस वाणी में एक अद्भुत रस होता है जिसके सुनते ही स्वतः प्रभु अपने ऐसे भक्तों के पास आने को बाध्य हो जाते हैं।


Book information

ISBN: 9789395374101
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Storymirror Infotech Pvt Ltd
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 172
Weight: 200g
Height: 203mm
Width: 133mm
Spine width: 10mm