विष्णु की खोज ( Vishnu Ki Khoj )

विष्णु की खोज ( Vishnu Ki Khoj )

Paperback (29 Jun 2022) | Hindi

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Publisher's Synopsis

एक बार विष्णु की तीनों पत्नियों लक्ष्मी, सरस्वती और गंगा के बीच में अनबन हो जाती है। लक्ष्मी को विष्णुलोक से निष्काषित कर दिया जाता है भगवान् विष्णु उनको विश्वास दिलाते हैं कि जब वह अपना और विष्णु का असली सम्बन्ध समझ जाएँगी तब वे विष्णु को पुन पा सकेंगी। तब तक उनको धरती पर बार-बार जन्म लेना होगा। लक्ष्मी अपने पहले जन्म में राजकुमारी वेदवती के रूप में जन्म लेती हैं विष्णु को पाने के लिए वह घोर तपस्या करती हैं परन्तु रावण उनकी तपस्या भंग कर देता है। अपने को अपवित्र मान कर वेदवती रावण को श्रापदेती हैं कि वह उसका और उसके पूरे खानदान के विनाश का कारण बनेंगी। तत्पश्चात वह आत्मदाह कर लेती हैं। अगले जन्म मैं लक्ष्मी सीता के रूप में जन्म लेती हैं और रावण और उसके खानदान के विनाश का करण बनती हैं। इस जन्म में वे राम के रूप में विष्णु के अवतार से विवाह तो कर लेती हैं पर कभी उन्हें पूरी तरह से पा नहीं पाती क्योंकि राम सदा अपने राज्य और प्रजा को अधिक महत्त्व देते हैं। तीसरी बार लक्ष्मी राधा के रूप में जन्म लेती हैं। वे विष्णु के अवतार कृष्ण को सखा के रूप में पाती जरुर हैं परन्तु एक बार पुन प्यासी रह जाती हैं। चौथी और आखिरी बार वे चित्तौड़ में मीरा बाई के रूप में जन्म लेती हैं। इस जन्म में भी लक्ष्मी अपने और विष्णु के सम्बन्ध के रहस्य को जानने का प्रयास करती रहतीं हैं अंत में वे समझ जाती हैं जो विष्णु उन्हें क्या समझाना चाह रहे थे।

Book information

ISBN: 9789356105485
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Pencil
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 340
Weight: 367g
Height: 203mm
Width: 127mm
Spine width: 19mm