मैं साक्षी इस धरती की

मैं साक्षी इस धरती की

Paperback (20 Jul 2023) | Hindi

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Publisher's Synopsis

सप्तशृंगी गिरिराज हिमालय का जन्म से लेकर मानसरोवर की अगाध गहराई तक, शिवजी का प्रथम सोपान से लेकर आज तक हर सूक्ष्म से सूक्ष्म पहलू मुझसे छुपा नहीं है। जब चाँद अपनी सखियों के संग आकाश में उभर आता है उन सितारों में मैंने अपनी पृष्ठभूमि के सौंदर्य को निहारती आई हूँ। उन सितारों में एक सपनों का महल खड़ा देखा है मैने। शायद उसी को त्रिशंकु कहा जाता है। विश्वामित्र और मेनका के प्यार की नगरी। उस नगर की रचना भी मैने ही लाखों साल पहले की थी। उनके प्यार की दास्ताँ आज भी मेरे मन के किसी कोने में दफ़न हो कर रह गयी है। रावण ने जब सीता का अपहरण किया था, तब पंखीराज़ जटायु ने उनके बचाव में मेरी गोद में शेष साँस छोड़ी थी। सीता मैया को बचाते- बचाते कितने ही दिये मेरे आँखों के सामने बुझ गए, यह मेरे अलावा कौन जान सकता है? हज़ारों बानरों की सहायता से बना वह सेतु के निर्माण की साक्षी भी मैं ही हूँ।

Book information

ISBN: 9789356672413
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Pencil (One Point Six Technologies Pvt Ltd)
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 154
Weight: 172g
Height: 203mm
Width: 127mm
Spine width: 9mm