Publisher's Synopsis
जो हम कह ना सके, एक कवि हृदय की वो रचनायें हैं, जो वो मुखर हो कर नही कह पाया। इसलिए उसकी कलम से ये हृदय छन्द उमड़ पड़े। सच्चे हृदय की आत्मिक अनुभूतियाँ, भावनायें उकेरी हैं इस संक्षिप्त कविता संग्रह में कवि ने। कुछ हल्के, कुछ बोझिल, कुछ प्रेम रस से सराबोर, कुछ प्रेमिका का अद्भुत व्यख्यान, कुछ शिकायत, कुछ मिन्नत। अपनी संकोची कलम से अपनी भावनाओ को प्रस्तुत किया है कवि ने। वो भावनाएं जो शायद होती तो सभी में हैं, पर शायद ही सबको कहने का मौका मिलता हो। बस ये ही है इसकी दास्तान। हृदय से लिखी, हृदय से प्रस्तुत।