Kuchh Yun Hua Us Raat

Kuchh Yun Hua Us Raat

Paperback (28 Jun 2023) | Hindi

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Publisher's Synopsis

प्रगति गुह्रश्वता की कहानियाँ केवल घटनाएँ नहीं सुनातीं, वरन जीवन को समझने की प्रक्रिया में उसके अर्थ समझाती चलती हैं। 'समर अभी शेष है कहानी में प्रेम का सुखद अहसास है तो वहीं हर व्यक्ति का जीवन उसके निमित्त कर्म और उनसे जुड़ी यात्रा है। प्रगति गुह्रश्वता की कहानियों में रिश्तों की पड़ताल बहुत गहरे तक होती है। उनकी कहानी 'अधूरी समाह्रिश्वत प्रेम के खूबसूरत मुकाम तक पहुँचने से पहले कहीं समाह्रश्वत हो जाती है। सवाल वही है कि क्या निमित्त को स्वीकारने के अलावा भी कोई और विकल्प हो सकता है। कुछ स्थितियाँ परिवार, समाज के हालात पर सवालिया निशान खड़े कर देती हैं। जैसे 'कुछ यूँ हुआ उस रात... की एक फोन कॉल। स्त्री का उम्रभर का संघर्ष, अस्तित्व और अस्मिता की लड़ाई। किताबों का इनसान से बढ़कर हमसफर बन जाना और उथले सुखों का दलदल-सा महसूस होना, महसूस करवाती हैं कहानियाँ-'कोई तो वजह होगी..., 'खामोश हमसफर और 'पटाक्षेप। रिश्तों के बनने-टूटने, आसक्तियों और मोह का टूटना, संस्कारों का अभाव जैसे बहुत से विषय इस संकलन की कहानियों के विशिष्ट मुद्ïदे हैं। प्रगति गुह्रश्वता की कहानियों के विषय वैविध्य को स्थापित करते हैं 'फिर...अपने लिए, 'वह तोड़ती रही पत्थर, 'सपोले, 'कल का क्या पता जैसी कहानियाँ।

Book information

ISBN: 9789355218728
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 136
Weight: 181g
Height: 216mm
Width: 140mm
Spine width: 8mm