31 Amar Kahaniyan

31 Amar Kahaniyan

Hardback (22 Oct 2021) | Hindi

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Publisher's Synopsis

अपनी कहानियों के माध्यम से समाज का जो सरल, सटीक और जीवंत चित्रण हमें मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में दिखाई पड़ता है, अन्यत्र सर्वथा दुर्लभ है। उनकी कहानियों में राष्ट्र और समाज की जिन संगतियों व विसंगतियों को उकेरा गया है, किसी पारखी रचनाकार द्वारा ही ऐसा सूक्ष्म विवेचन संभव हो पाता है। जीवन की कठोर वास्तविकता, जमींदारों, महाजनों के कर्ज तले छटपटाते किसानों का अंतर्द्वंद्व, नौकरीपेशा मध्यम वर्ग की आजीविका के लिए जद्दोजहद, कुप्रथाओं और आडंबरों का अंधानुकरण, अछूतों की प्रताड़ना, धर्म के नाम पर ढोंग, विदेशी आक्रांताओं के हमले तथा डंडे के बल पर शासन जैसे व्यापक तात्कालिक विषयों को लेकर उपन्यास सम्राट् मुंशी प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं को साकार किया। मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ बेशक वर्षों पहले के समाज का आईना हैं; लेकिन घटनाक्रम आज भी ताजा लगता है। कहानियाँ पढ़कर जाना जा सकता है कि समाज में आज भी उन विसंगतियों को चारों ओर व्याप्त देखा जा सकता है। विषय की व्यापकता, चरित्र-चित्रण की सूक्ष्मता, सशक्त संवाद, सजीव वातावरण, भाषा की गंभीरता प्रवाहमयी शैली तथा लोक-संग्रह की दृष्टि से प्रेमचंद की कहानियाँ अद्वितीय हैं। प्रस्तुत पुस्तक उनकी वैसी ही 31 अमर कहानियों का गुलदस्ता है; जिसकी महक अक्षुण्ण है।

Book information

ISBN: 9789392574016
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Prabhat Prakashan Pvt Ltd
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 200
Weight: 449g
Height: 229mm
Width: 152mm
Spine width: 16mm